
‘‘भोजपुरी के श्रोता या दर्शक अश्लील थे नहीं, उन्हें बना दिया गया। लेकिन अब वो वक्त आ गया है कि अश्लीलता के सामने श्लीलता की एक लंबी लकीर खींची जाये। आज यू ट्यूब पर कम से कम सौ म्यूजिक कंपनियां अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। लेकिन उन्हें साफ-सुथरे गीत बनाकर उतारना घाटे का सौदा लगता है। इसलिए वो उन्हीं अश्लील गीतों को चढ़ाती रहती हैं, जो गाकर लोग उनके पास भेजते रहते हैं। मैं भी एक भोजपुरी भाषी हूं, भोजपुरी को प्यार करता हूं। उसके लिए अपने स्तर पर अच्छा करने की कोशिश करता रहता हूं। मुझे अभी बहुत कुछ करना है। बस दर्शकों का सहयोग चाहिए।’’
यह कहना है वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड्स म्यूजिक कंपनी के कर्ताधर्ता रत्नाकर कुमार का, जो भोजपुरी सिनेमा और संगीत जगत में अपना एक अलग स्थान रखते हैं। वो भोजपुरी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड भी कभी सम्मान दिया करता था। और वो संगीत जगत, जिसके लिए कभी लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, आशा भोसले जैसे सिंगर्स बेहिचक अपना योगदान दिया करते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों में अश्लीलता ने भोजपूरी की छवि पर ऐसा ग्रहण लगाया है और भोजपुरी सिनेमा, गीत-संगीत, सभी अश्लीलता का पर्याय बनकर रह गये हैं। हाल फिलहाल अश्लीलता विरोधी आंदोलनों के कारण भोजपुरी फिल्मों में साफ-सफाई का अभियान जारी है, लेकिन गीत-संगीत में अपेक्षित बदलाव अभी भी नहीं नोट किया जा रहा है।
मगर राहत की बात ये है कि रत्नाकर कुमार जैसी शख्सियत ने सिनेमा के साथ-साथ गीत-संगीत जगत में भी बदलाव के लिए अब कमर कस ली है और इस क्रम में उन्होंने एक नये चैनल ‘भोजपुरी रतन’ का आगाज किया है।
रत्नाकर जी का कहना है कि इस चैनल पर ऐसा एक भी गीत अपलोड नहीं किया जायेगा, जिससे भोजपुरी की मान-मर्यादा पर आंच आये। आखिर, रत्नाकर जी को इस तरह के चैनल की प्रेरणा कहां से मिली…वो इस चैनल के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं…पुराने सिंगर्स के साथ तो उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी है, नये सिंगर्स के लिए उनका यह चैनल क्या क्या करेगा…इन तमाम मुद्दों पर उनसे विस्तृत बात हुई, उसी बातचीत के कुछ प्रमुख अंश यहां प्रस्तुत हैं।
‘‘अश्लीलता के कारण भोजपुरी गीत-संगीत का स्तर बहुत नीचे गिर चुका है। इस बात को लेकर मेरे दिल में हर समय एक व्यथा होती थी, जिसके कारण मैंने अपने चैनल वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड्स भोजपुरी पर फूहड़ गीत अपलोड करने से किसी हद तक परहेज रखा। आज की तारीख में हर दिन पचासों गीत आते हैं मेरे पास। उनमें से 80 फीसदी तो एकदम अश्लील होते हैं। आपको यकीन नहीं होगा कि बाकी बचे गीतों में से महज दो-तीन गीत ही अपलोड किये जाते हैं। मैंने अश्लीलता की वजह से आज के बड़े-बड़े गायकों के गीत रिजेक्ट किये हैं। लोगों के पोस्टर्स बन गये थे, लेकिन बाद में जैसे ही पता चला कि गीत के बोल अश्लील हैं तो मैंने उन्हें अपलोड करने से मना कर दिया। मेरा भरसक यही प्रयास रहता है कि मेरे चैनल पर गिनेचुने ही गीत अपलोड हों।
जहां तक इस चैनल की बात है तो मैंने वरिष्ठ पत्रकार और भोजपुरी में अश्लीलता के प्रखर विरोधी धनंजय सिंह को विष्णु ओझा जी के एक पूरबी का लिंक फॉरवर्ड किया। उनको वह गीत इतना अच्छा लगा कि उन्होंने बधाई देने के साथ ही एक ऐसा नया चैनल खोलने की सलाह दी, जिसे परिवार के बीच बैठा कोई भी शख्स बेहिचक कभी भी ऑन कर सके। उनकी वो सलाह मुझे अच्छी लगी। मैंने उन्हें तुरंत कह दिया कि मैं इस काम को करूंगा। मैंने उनके द्वारा सुझाये गये कुछ नामों में से ही ‘भोजपुरी रतन’ का चयन किया। दरअसल, कई बार सलाहें बड़ा मायने रखती हैं। उसी का परिणाम है आज ‘भोजपुरी रतन’ लोगों की सेवा में प्रस्तुत है। धनंजय सिंह ने इस चैनल के लिए मुझे काफी मोटिवेट किया, जिससे मेरा उत्साह कई गुना बढ़ गया। मैंने चैनल के नाम के मुताबिक ही काम करने का भी फैसला किया हुआ है। इसका बैनर देखकर ही आपको हमारे इरादे समझ में आ जायेंगे। मैंने मकर संक्रांति के पवित्र अवसर पर चैनल का शुभारंभ ही गोपाल राय जी के गीत से किया है। दूसरा गीत विष्णु ओझा जी का गाया हुआ है।
‘भोजपुरी रतन’ के लिए मैं किस लेवल का प्रयास कर रहा हूं, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि मैंने गोपाल राय को फुल हैंड दे दिया है कि इस चैनल के लिए बेहतरीन से बेहतरीन चीजें दें। मैंने उनसे फिलहाल 20 एलबम तैयार करने को कहा है। मेरा लक्ष्य है कि सप्ताह में तीन चार गीत उन लोगों के इस चैनल पर आयें, जिन्होंने भोजपुरी को सम्मान दिलाया है और आज भी प्रयासरत हैं। विष्णु ओझा जी से भी कहा है कि वो महीने में चार गाने दें। शारदा सिन्हा जी ने गाना ही बंद कर दिया था, लेकिन उनसे भी मैंने रिक्वेस्ट की है और उन्होंने हामी भरी है। भरत शर्मा व्यास जी से भी इस महायज्ञ में सहयोग देने के लिए संपर्क कर रहा हूं। मेरी दिली इच्छा है कि यू पी और बिहार के जितने भी क्लासिकल सिंगर्स हैं, उन्हें सुनने के लिए लोग सीधे ‘भोजपुरी रतन’ पर आयें।’’
जहां तक नये सिंगर्स की बात है तो रत्नाकर जी उनके लिए भी कमर कसे हुए हैं। बस शर्त यह है कि वो सिंगर्स ‘भोजपुरी रतन’ के मापदंडों पर खरे उतरनेवाले गीत गा सकें, उनके अनुसार वीडियो बना सकें…
‘‘भोजपुरी रतन’ आप सभी का चैनल है। मैं चाहता हूं कि सभी सिंगर्स उसकी मर्यादा और मापदंडों को समझें। आज अगर उसके लिए शारदा सिन्हा जी, गोपाल राय जी, विष्णु ओझा जी गा रहे हैं और भरत शर्मा से भी बात चल रही है तो यह समझना चाहिए कि हम उस पर किस स्तर का कंटेंट चाह रहे हैं। इतना ध्यान रहे कि यहां हर उस गायक को स्थान मिलेगा, जो योग्य होगा। इस गलतफहमी में कोई न रहे कि किसी के जरिए इस चैनल पर कैसा भी गीत अपलोड करवा लेगा। गीत अच्छा होगा तभी उसे स्थान दिया जायेगा।’’
रत्नाकर जी ने बातचीत के दौरान साफ-साफ कहा कि उनका मकसद ये नहीं है कि किस गीत को कितना व्यूज मिलता है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी गायक को ये परवाह करने की कोई जरूरत नहीं है कि उसके गीत को कितने व्यूज मिले। व्यूज आज नहीं तो कल मिल ही जायेंगे। हमारा काम बस लोगों को अच्छी चीजें मुहैया कराना है। मेरा हर नये सिंगर के लिए यही संदेश है कि मैं उसके गीत के लिए उसका एक भी पैसा नहीं लगने दूंगा। पूरा गीत चैनल स्पॉन्सर करेगा। उसकी मेहनत का पाई-पाई उसे मिलेगा, बशर्ते गीत के बोल, उसका संगीत और उसकी मेकिंग आदि सभी पक्ष अच्छे हों।’
भोजपुरी को उसकी खोयी प्रतिष्ठा दिलाना ही मेरा मकसद है। और मुझे उम्मीद नहीं, पूरा विश्वास है कि एक दिन आप सभी के सहयोग से हम अपने इस मकसद में अवश्य कामयाब होंगे। मेरी कंपनी किसी भी गायक से एक पैसे नहीं लेती। उसे उसका उचित पारिश्रमिक अवश्य देती है। इसलिए किसी भी गायक से अगर कोई पैसे की डिमांड करता है तो उसे एक पैसे ना दें। सिंगर्स ऐसे लोगों से सभी सावधान रहें और किसी को एक पैसा भी ना दें।’’
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